
कृषि विज्ञान केंद्र, गोविंदनगर को मिला ISO प्रमाणपत्र
गोविंदनगर: क्षेत्र के किसानों के लिए कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), गोविंदनगर को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं और उत्कृष्ट कृषि अनुसंधान के लिए ISO प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। यह प्रमाणपत्र केंद्र की वैज्ञानिक और तकनीकी दक्षता को मान्यता देते हुए उसकी सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करता है।
केंद्र के प्रभारी डॉ. संजीव कुमार गर्ग ने बताया कि यह उपलब्धि किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने, जैविक खेती को बढ़ावा देने और आधुनिक तकनीकों के जरिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह प्रमाणपत्र गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (ISO 9001:2015) के मानकों को पूरा करने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस अवसर पर न्यास सदस्य, केंद्र के वैज्ञानिक एवं किसान उपस्थित रहे। किसानों ने भी कृषि विज्ञान केंद्र को बधाई दी और आशा जताई कि इस उपलब्धि से उन्हें और अधिक वैज्ञानिक व आधुनिक खेती की तकनीकों का लाभ मिलेगा। केंद्र के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल द्वारा न्यास प्रंबंधन एवं कृषि विज्ञान केंद्र के समस्त स्टाफ को बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित की है ।
इस मान्यता के साथ, कृषि विज्ञान केंद्र, गोविंदनगर अब जैविक कृषि, प्रशिक्षण और कृषि प्रसार कार्यक्रमों को और सशक्त बनाएगा, जिससे क्षेत्रीय किसानों को नई तकनीकों से लाभ मिल सकेगा।
कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख कार्य एवं गतिविधियाँ
प्रमुख कार्य :
vतकनीकियों/उन्नत प्रजातियों / उत्पादों/कृषि उद्यम का मूल्याकन, सुधार एवं प्रदर्शन
प्रमुख गतिविधियाँ
v विभिन्न प्रणालियों में तकनीकियों का स्थानीय विशिष्ट परिस्थियों में मूल्यांकन हेतु प्रक्षेत्रीय परीक्षण करना
vकृषक प्रक्षेत्रों पर नवीनतम तकनीकियों की उत्पादन क्षमता स्थापित करने के लिए और फीडबैक सुचना प्राप्त करने हेतु अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन आयोजित करना
v कृषको,कृषक महिलाओं एवं कृषि विस्तार कर्मियों को उनके ज्ञान एवं आधुनिक कृषि तकनिकी के उन्मुख विकास हेतु प्रशिक्षण आयोजित करना
v जिले की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सार्वजनिक, निजी और स्वेच्छिक क्षेत्र की पहल करने के
लिए कृषि तकनीकियों के संसाधन और ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करना
लिए कृषि तकनीकियों के संसाधन और ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करना
v किसान मेला, प्रक्षेत्र दिवस, पूर्व प्रशिक्षणार्थी शिविर आदि विस्तार गतिविधियों के माध्यम से उन्नत तकनीकियों के बारे में जागरूकता पैदा करना
vउन्नत बीज एवं रोपण सामग्री कृषको को उपलब्ध करना